संदूकची | Sandookchi

संदूकची ( Sandookchi )    मेरे पास एक संदूकची है मैं हर रोज़ एक लम्हा ख़ुशी का इसमें भर देती हूँ अपनों के साथ बिताए सुखद यादों को सुकून के मख़मली पलों में लपेट सँभाल कर रख लेती हूँ शिकायतों की कुछ चवन्नी और दर्द की अठन्नी भी खनकतीं है इसमें कभी कभी पर मैं … Continue reading संदूकची | Sandookchi