साथ ( Sath ) वह साथ ही तुम्हे कभी साथ नही देता जिस साथ मे साथ की निजी लालसा हो दीवार कभी भी इतनी ऊंची न उठाओ की पड़ोसी के चीखने की आवाज सुनाई न दे ऊंचाई के भी हर पत्थर तो पूजे नही जाते तलहटी की शिलाओं मे भी भगवान बसते हैं तुम … Continue reading साथ | Sath
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