सावन आया | Sawan Aaya

सावन आया  नयी चेतना  नयी जाग्रत  अंतर्मन में  नया भाव कुछ  मन को भाया, गूॅंज उठे स्वर झूॅंम उठे वन प्रकृति ने भी  नव मधुरस का  पान कराया, लतिकाएं तरु आलिंगन कर  लिपट लिपट कर  नतमस्तक  साभार जताया, रिमझिम रिमझिम  बूॅंदें जल की  छोड़ गगन को  उतर धरा पर  उपवन का  संसार बसाया, स्पर्श प्रेम … Continue reading सावन आया | Sawan Aaya