भूल गए सावन के झूले | Sawan ke Jhoole
भूल गए सावन के झूले ( Bhool gaye sawan ke jhoole ) भूल गए सावन के झूले, भूल गए हर प्रीत यहां। भाईचारा प्रेम भूले, हम भूल गए हैं मीत यहां। भूल गए सावन के झूले मान सम्मान मर्यादा भूले, सभ्यता संस्कार को। रिश्ते नाते निभाना भूले, अतिथि सत्कार को। गांव की वो पगडंडी, … Continue reading भूल गए सावन के झूले | Sawan ke Jhoole
Copy and paste this URL into your WordPress site to embed
Copy and paste this code into your site to embed