डॉ.सत्यवान सौरभ की सात बाल कवितायेँ
1. छोटे-छोटे पंछी छोटे-छोटे पंछी लेकिन,बातें बड़ी-बड़ी सिखलाते।उड़ते ऊँचे आसमान में,मंजिल की ये राह दिखाते।।ये छोटे-छोटे जीव मगर,इनसे ये नभ भी हारा है।आत्मबल से ओत-प्रोत ये,मिल उड़ना इनको प्यारा है।बड़े-बड़े जो ना कर पाए,पल भर में ये है कर जाते।छोटे-छोटे पंछी लेकिन,बातें बड़ी-बड़ी सिखलाते।लड़ते हैं ये तूफानों से,उड़ सूरज से भी बात करें।पंख रुकते हैं … Continue reading डॉ.सत्यवान सौरभ की सात बाल कवितायेँ
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