बिछड़ा नहीं रहता | Shayari on Bichadna

बिछड़ा नहीं रहता ( Bichadna nahi rahta  )    अगर हम रोक लेते हमसे वो बिछड़ा नहीं रहता उसी मंजर पे ये दिल अब तलक ठहरा नहीं रहता। कहा था लौटना है एक दिन मुझ तक उसे वापस मगर जो लौटना होता तो यूं बदला नहीं रहता । वही रुख़ फेर लेना दफ अतन वो … Continue reading बिछड़ा नहीं रहता | Shayari on Bichadna