शिद्दत | Shiddat

शिद्दत ( Shiddat )    मजबूरी में दिलों को श्मशान होते देखा है, शिद्दत की चाहतों को गुमनाम होते देखा है, देखा है बड़े गौर से तड़पती हुई निगाहों को, प्रेम में वफा को भी बदनाम होते देखा है। लगे प्रीत जिन नैनों से उन्हें भुलाया नहीं जाता, जिस दिल को हो इश्क उसे समझाया … Continue reading शिद्दत | Shiddat