शिकायत Shikayat

शिकायत ( Shikayat ) तूने नज़रें फेरीं, मगर तू मेरी रूह में बसी रह गई,तेरे बिना ये अधूरापन, जैसे कोई दास्तां अधूरी रह गई।तेरे बिना भी ये दिल तुझसे ही जुड़ा रहता है,शिकायतें हैं तुझसे, पर प्यार फिर भी हदों से परे करता है। तेरी खामोशियों में छिपी हैं अनगिनत बातें,तेरे ख्यालों से अब भी … Continue reading शिकायत Shikayat