शिक्षक ही सच्ची प्रेरणा

शिक्षक ही सच्ची प्रेरणा प्रणाम शब्द शेष हैं l क्यूंकि ?वे देश के विशेष हैं llशिक्षक रूप सक्षिप्त नहीं lशिक्षक रूप विस्तृत सही llतत्व से प्रकृति सजी lगुण से उपदेष्टा सजे llसमय बना पथिक रे lतो गुरु बना अद्री रे ll की विस्मरण शिष्टाचार lलगाए शासन चार llमहिमा उनकी अपरम्पार lलगा सभका जीवन पार llहकीम … Continue reading शिक्षक ही सच्ची प्रेरणा