शिखा खुराना जी की कविताएँ | Shikha Khurana Hindi Poetry
बचपन ऐ बचपन ले चल अपनी गलियों में फिर मुझे।ऐ बचपन मिला दें अपनी खुशियों से फिर मुझे। ऐ बचपन चल गुड्डे-गुड़ियों से खेलें कहीं।ऐ बचपन चल लगा लें मस्तियों के रेले कहीं। ऐ बचपन चल छुक छुक करती गाड़ी बन जाएं।ऐ बचपन चल सयानापन छोड़ अनाड़ी बन जाएं। ऐ बचपन चल अपनी मासूमियत बिखेरते … Continue reading शिखा खुराना जी की कविताएँ | Shikha Khurana Hindi Poetry
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