सृजन का दीप जले दिन रात | Srijan ka Deep

सृजन का दीप जले दिन रात (  Srijan ka deep jale din raat )   लिखें लेखनी सोच समझ कर,देख नए हालात। विषय सामयिक सृजन का,दीप जले दिन रात।।   चार स्तंभ अटल खड़े हैं,राष्ट्र का मान बढ़ाने को । कलम की ताकत बनी हमेशा,उच्च शिखर पहुंचाने को। सोया देश जगाने को, ना करें कोई … Continue reading सृजन का दीप जले दिन रात | Srijan ka Deep