सब क्यों नहीं | Kyon nahi | kavita

सब क्यों नहीं ? ( Sab kyon nahi ) ***** खुशबू सा महक सकते? चिड़ियों सा चहक सकते? बादलों सा गरज सकते? हवाओं सा बह सकते? बिजली सा चमक सकते? बर्फ सा पिघल सकते? सूर्य सा जल सकते? नदियों सा लहरा सकते? तिरंगा सा फहरा सकते? भौरों सा गुनगुना सकते? कोयल सी कू कू कर … Continue reading सब क्यों नहीं | Kyon nahi | kavita