सुबह तो होगी कभी | Subah to Hogi
सुबह तो होगी कभी ! ( Subah to hogi kabhi ) मेरा भारत है महान, जग को बताएँगे, इसकी जमहूरियत का परचम लहरायेंगे। सबसे पहले लोकतंत्र,भारत ईजाद किया, इस क्रम को और गरिमामयी बनाएंगे। विशाल वट-वृक्ष तो ये बन ही चुका है, करेंगे इसका सजदा,सर भी झुकायेँगे। कभी-कभी छाता है घना इसपे कुहरा, बन … Continue reading सुबह तो होगी कभी | Subah to Hogi
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