सच का आइना | Sach ka aaina

सच का आइना ( Sach ka aaina )   हिंदू, मुस्लिम तुम आपस में बैर कर महात्मा गांधी ,अब्दुल कलाम भूल गए, जाति -जाति हर धर्म ,मजहब के फूल खिले, तभी तो दुनिया महका गुलशन हिंदुस्तान है, सब फूलों को पिरो बनाए जो माला संविधान अंबेडकर भूल गए, अपनी सत्ता की गलियारों में संस्कार गरिमा … Continue reading सच का आइना | Sach ka aaina