सुहाग | Suhag kavita

सुहाग ( Suhag )     बिंदिया पायल बिछिया कंगन सुहागन श्रृंगार है। सिन्दूर पिया मन भाये बढ़ता आपस में प्यार है।।   मंगलसूत्र सुहाग प्रतीक चेहरा चांद सा दमके। चूड़ियों की खनक में सितारा सौभाग्य चमके।।   सदा सलामत रहे सुहाग अनुराग उमड़ता है। प्रेम भरे पावन रिश्तों में प्यार दिलों में बढ़ता है।। … Continue reading सुहाग | Suhag kavita