सुकूँ से जीना है तो | Sukoon se Jeena
सुकूँ से जीना है तो ( Sukoon se jeena hai to ) कोई देर से कोई जल्दी से चला जाएगा, किसी का पैर देर तलक टिक न पाएगा। ये गलियाँ, ये मकाँ कब हुए हैं किसी के, एकदिन इसका निशां मिट जाएगा। जलवा -ए-हुस्न तो है दो पल का साथी, शबाब का ये पानी … Continue reading सुकूँ से जीना है तो | Sukoon se Jeena
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