सुंदर सोचें, सुंदर बने | Prernadayak kavita

सुंदर सोचें, सुंदर बने ( Sundar sochen, sundar bane )   सुंदर सोचें सुंदर बने, आओ करें विचार। दो दिन का है पाहुना, नश्वर यह संसार ।।   देवालय सा तन है तेरा, सुंदर मूरत आत्मा । शुभ भावों को मन में भरले, सहज मिले परमात्मा । दुष्टों का कर खात्मा, उतरे सिर से भार। … Continue reading सुंदर सोचें, सुंदर बने | Prernadayak kavita