तारक मेहता का उल्टा चश्मा °°°°°° –> ऐपिसोड हुए 3000 अभी, आगे भी होने बांकी हैं |?| 1.निश दिन नूतन संदेशा लाते, खुद हँसते और हंसाते हैं | अलग-अलग है कल्चर फिर भी, संग-संग रोते-गाते हैं | गोकुल धाम केे सब हीरे-मोती, एक धागे मे पिरोये हैं | उदासी मे खुशियां … Continue reading तारक मेहता का उल्टा चश्मा
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