तड़प उसकी | Tadap uski

तड़प उसकी ( Tadap uski )   तड़प उसकी कोई क्या जाने जिसके नही कोई बहन या भाई बांध ले या बंधवा ले भले राखी कई फिर भी सूनी निजता की कलाई फूल कागज के कुछ टिकते हों भले महक उसमे मगर कुछ होती नही चंचलता जो होती है स्व निजता मे वो माने हुओं … Continue reading तड़प उसकी | Tadap uski