तन्हा रातें ( Tanha raatein ) जाड़े की ठिठुरती तन्हा रातें कोहरे में लिपटे जर्द होते जिस्म और बर्फ होते रिश्तों को पिघलाने के लिये काफी हैं कुछ तेरी कुछ मेरी चंद गरम सांसें या फिर . . . . साथ गुजारे पलों की यादों की तपिश.. लेखिका :- Suneet Sood Grover अमृतसर ( पंजाब … Continue reading तन्हा रातें | Tanha Raatein
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