बस रह गई तनहाई ( Bas reh gayi tanhai ) मिट्टी के घर चूने की पुताई गाय का रमहाना गोबर से लिपाई चूल्हे से उठता धुआं खुशबू रोटी की आई नीम के नीचे खटिया अम्मा की चटाई वो ठंडी हवा वो पुरवाई नदिया का पानी वह मंदिर की घंटी छाछ की गिलसिया गुड़ की डीगरिया … Continue reading बस रह गई तनहाई | Tanhai
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