तेरे बग़ैर | Tere Bagair

तेरे बग़ैर ( Tere Bagair ) वीरां यह गुलज़ार है तेरे बग़ैरकरना यह स्वीकार है तेरे बग़ैर हर नफ़स यह कह रही है चीख करज़िन्दगी बेकार है तेरे बग़ैर तेरी यह जागीर लावारिस पड़ीकौन अब मुख़्तार है तेरे बग़ैर मैं मदद को हाथ फैलाऊं कहाँसबके लब इनकार है तेरे बग़ैर क्या सजाऊं जाम पैमाने बताकिसको … Continue reading तेरे बग़ैर | Tere Bagair