sad shayari || तेरे हाथों में कब  गुलाब है

तेरे हाथों में कब गुलाब है ( Tere Haathon Mein Kab  Gulab Hai )   तेरे हाथों में कब  गुलाब है पत्थर मारने को  ज़नाब है   मेरा  प्यार इंकार कर गया उसी का ही बस आता ख़्वाब है   ख़ुशी का नहीं शब्द है लिखा ग़मों की लिखी ये क़िताब है   नहीं प्यार … Continue reading sad shayari || तेरे हाथों में कब  गुलाब है