तेरी दहलीज पर पापा | Teri Dehleez Par Papa

तेरी दहलीज पर पापा   तेरी दहलीज पर पापा दो दिन का ठिकाना है। इसी में हंस लूँ,मुस्कुरा लूँ, यही विधि और विधान है। जिसने प्रेम से पाला पोसा वही हमारी नहीं दुनिया में। दूसरा कौन भला सोच हमारी? बचपन से मेरा है मेरा है घर, एक झटके में हो सब पराया। जन्म-जन्म का यह … Continue reading तेरी दहलीज पर पापा | Teri Dehleez Par Papa