था वो हुस्नो शबाब से पानी | New ghazal
था वो हुस्नो शबाब से पानी था वो हुस्ने शबाब से पानी ख़ूब महका गुलाब से पानी उतरेगा प्यार का नशा कैसे पी न ऐसे शराब से पानी लें आया वो शराब पीने को जब मांगा है ज़नाब से पानी रो पड़ा कोई शब्द यादों का यार छलका किताब से पानी … Continue reading था वो हुस्नो शबाब से पानी | New ghazal
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