तिश्नगी हमारी | Tishnagi Hamari

तिश्नगी हमारी ( Tishnagi Hamari ) कुछ तिश्नगी हमारी भी बुझवाइए ज़रा।इक जाम मस्त आंखों से पिलवाइए ज़रा। क्या-क्या शिकायतें हैं पता तो चले हमें।उनको हमारे पास तो बुलवाइए ज़रा। शेअ़रो सुख़न में आपके चर्चे हैं हर तरफ़।कोई ग़ज़ल हमें भी तो सुनवाइए ज़रा। कर देना क़त्ल शौक़ से अरमाने नो-ब-नो।दामन से पहले दाग़ तो … Continue reading तिश्नगी हमारी | Tishnagi Hamari