Romantic Ghazal -तुझसे जब तलक़ मुहब्बत करते रहे हम
तुझसे जब तलक़ मुहब्बत करते रहे हम ( Tujhse Jab Talaq Muhabbat Karte Rahe Ham ) तुझसे जब तलक़ मुहब्बत करते रहे हम बड़े सलीके से इबादत करते रहे हम मंजूर-ए-खुदा है इश्क़, किया जाए इस बात पर सदा बगावत करते रहे हम उसको रास्तों पर जब जब भी देखा हमने … Continue reading Romantic Ghazal -तुझसे जब तलक़ मुहब्बत करते रहे हम
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