तुम तो | Tum to

तुम तो ( Tum to )   कौन सा काम कब करना है यही तो फ़ैसला नहीं होता तुम से यही तुम्हारी उलझन का सबब है और कमज़ोरी भी नाँच रही हैं आज बहारें महकी हुई हैं सभी दिशाएँ हंसने का मौसम है और तुम तो रोने बैठ गई हो बादल घिरे हैं बारिश का … Continue reading तुम तो | Tum to