तुम्हारे बाद ( Tumhare Baad ) साँसें थमी हैं ख़त्म भी किस्सा तुम्हारे बादबिखरा है मेरा जिस्म सरापा तुम्हारे बाद कतरे से हो गए हैं समुंदर तवील सेख़ुद पे रहा न हमको भरोसा तुम्हारे बाद कैसे सुनाएं बज़्म में क़िस्सा-ए-इश्क़ हमशाइर बना है दिल ये हमारा तुम्हारे बाद मझधार में खड़े हैं मनाज़िर अजीब हैंकैसे … Continue reading तुम्हारे बाद | Tumhare Baad
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