तुमसा बेवफा जमाने में नहीं

तुमसा बेवफा जमाने में नहीं   जब भी छेडा किस्सा वो पुराना, प्रेम से मैं महीनों सो ना न पाई चैन से मेरा दिल बेचैन था उस अनजानी सी टीस से  मैं महीनों सो ना पाई चैन से तुमतो मुडकर खो गए अपनी दुनियाँ में कहीं तेरी आहट से धड़कता दिल रहा मैं वहीं से … Continue reading तुमसा बेवफा जमाने में नहीं