उदासियाँ | Udasiyan

उदासियाँ ( Udasiyan ) बैठी हैं हर क़दम पे डगर पर उदासियाँकैसे हो अब गुज़र, मेरे दर पर उदासियाँ मायूस होके लौटे जो उनकी गली से हमछाईं हमारे क़ल्ब-ओ-जिगर पर उदासियाँ क्या हाल आपसे कहें क़हर-ए-खिज़ां का हमसूखी है डाल-डाल शजर पर उदासियाँ दिखता नहीं लबों पे तबस्सुम किसी के अबछाई हुई हैं सबकी नज़र … Continue reading उदासियाँ | Udasiyan