उनकी चाहत में | Unki Chahat Mein

उनकी चाहत में ( Unki Chahat Mein ) इश्क़ में जब से वो कबीर हुएउनकी चाहत में हम सग़ीर हुए कोई तुम सा नहीं है जाने जाँइश्क़ में तुम तो यूँ नज़ीर हुए उठ के ताज़ीम अब वो करते हैंजिनकी नज़रों में हम हक़ीर हुए तिश्नगी मेरी बुझ न पाई कभीचाहे कितने ही आब गीर … Continue reading उनकी चाहत में | Unki Chahat Mein