उसका मज़ा ले

उसका मज़ा ले गुलों सी ज़िन्दगी अपनी खिला लेजो हासिल हो रहा उसका मज़ा ले मुहब्बत हो गई है तुझको मुझसेनिगाहें लाख तू अपनी चुरा ले खरा उतरूंगा मैं हर बार यूँहींतू जितना चाहे मुझको आज़मा ले लुटा दूँगा मैं चाहत का समुंदरकिसी दिन चाय पर मुझको बुला ले घटा छाती नहीं उल्फ़त की हर … Continue reading उसका मज़ा ले