उठो पार्थ ( Utho parth : Geeta Saar ) उठो पार्थ अब बाण उठाओ,पापी का संघार करो। धर्म धार कर कुन्ती नन्दन, पुनः धर्म आधार धरो। चढा प्रत्यचा गाण्डीव पे तुम,रक्त बीज निसताप करो, मोह त्याग कर शस्त्र उठाओ,भारत का संताप हरो। याद करो तुम द्रुपद सुता के,खुले केश अंगार नयन। वस्त्रहरण का … Continue reading उठो पार्थ | Geeta Saar Kavita
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