Kavita | वैश्विक तापवृद्धि

वैश्विक तापवृद्धि ( Vaishvik Tap vridhi )   पहुँचाकर क्षति प्राकृतिक संपदा को हे मानव तुम इतना क्यों इतराते हो यह पर्यावरण तुम्हारे लिए है इसमें तुम अपने ही हाथो आग लगा कर वैश्विक   ताप   बढ़ाते   हो  ।।   जब जंगल होगा तब मंगल होगा यही समझना होगा अब सबको! पर्यावरण को दूषित करने बालों … Continue reading Kavita | वैश्विक तापवृद्धि