वक्त से लड़कर विजय बना हूं | Vijay Kumar Sharma
वक्त से लड़कर विजय बना हूं ( Waqt se ladkar vijay bana hoon ) फिर से उस इतिहास को आज मैं दोहराता हूं, एक कविता फिर से नयी आज मैं लिखता हूं। इस ८४ लाखवी योनि का सफ़र मैं काटता हूं, आशीष व शुभकामनाएं आपसे मैं चाहता हूं।। पत्रकारिता के क्षेत्र में ३६ सालों … Continue reading वक्त से लड़कर विजय बना हूं | Vijay Kumar Sharma
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