विश्व की तकदीर | Vishwa ki Taqdeer
विश्व की तकदीर ! (नज़्म ) आग लगाकर लोग बुझाने आते हैं, दुनिया का दस्तूर निभाने आते हैं। साथ-साथ चलने का ये छलावा है मात्र, घड़ियालू आँसू बहाने आते हैं। पहले लोग करते थे फक्र रिश्तों पर, अब दरिया से कतरा चुराने आते हैं। करते हैं लोग आंसुओं का सौदा, दूसरों की जमीर गिराने आते … Continue reading विश्व की तकदीर | Vishwa ki Taqdeer
Copy and paste this URL into your WordPress site to embed
Copy and paste this code into your site to embed