वक्त के सामने सर झुकाना पङा | Waqt shayari
वक्त के सामने सर झुकाना पङा ( Waqt ke samne sar jhukana pana ) वक्त के सामने सर झुकाना पङा। मूढ के साथ भी है निभाना पङा।। हो गया है ज़माने में पैसा बङा। दौर माता- पिता का पुराना पङा।। मतलबी हो गए आज रिश्ते सभी। नेह भाई -बहन को गँवाना पङा।। यारियाँ भी … Continue reading वक्त के सामने सर झुकाना पङा | Waqt shayari
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