वक्त रुका ही नहीं कभी किसी के लिए

वक्त रुका ही नहीं कभी किसी के लिए     ऊंचे नीचे पथरीले रास्ते का प्रारब्ध सफर कारवां गुजर जाने के बाद धुंधला दिखा   जीवन का बहुमूल्य अंश बीत जाने पर अस्थिर और अविचर सी दशा में रुका   बीते लम्हेंआंखों में कैद कुछ इस तरह हुए डूबे  जैसे दरिया में हम समंदर छोड़कर … Continue reading वक्त रुका ही नहीं कभी किसी के लिए