वो निशानी दे गया | Wo Nishani de Gaya

वो निशानी दे गया ( Wo Nishani de Gaya ) ज़र्द चेहरा वो निशानी दे गयाबे सबब सी ज़िन्दगानी दे गया उम्र भर जिसको समझ पाए न हमइतनी मुश्किल वो कहानी दे गया खूँ चका मंज़र था हर इक सू मगरकोई लम्हा शादमानी दे गया जाते जाते वो हमें यादों के साथखुश्बुएं भी जाफ़रानी दे … Continue reading वो निशानी दे गया | Wo Nishani de Gaya