ये बहके बहके से कदम | Kavita ye Behke Behke se Kadam
ये बहके बहके से कदम ये बहके बहके से कदम थाम लो तुम जरा। लड़खड़ा ना जाए कहीं संभलना तुम जरा। चकाचौध की दुनिया चमक दमक लुभाती। भटक ना जाए तरुणाई चिंता यही सताती। मधुर मधुर रसधारो में छल छद्मों का डेरा है। डगर डगर पे चालाकियां अंधकार घनेरा है। झूठा आकर्षण झूठे वादे केवल … Continue reading ये बहके बहके से कदम | Kavita ye Behke Behke se Kadam
Copy and paste this URL into your WordPress site to embed
Copy and paste this code into your site to embed