जिंदगी में यहाँ बेबसी है बहुत | Zindagi poetry
जिंदगी में यहाँ बेबसी है बहुत ( Zindagi mein yahan bebasi hai bahut ) जिंदगी में यहाँ बेबसी है बहुत इसलिए दूर मुझसे ख़ुशी है बहुत प्यार का फूल ही कब मिला है मुझे रोज़ मुझको मिली बेरुख़ी है बहुत कल तलक दोस्ती थी जिससे ही यहाँ आज उससे मगर दुश्मनी … Continue reading जिंदगी में यहाँ बेबसी है बहुत | Zindagi poetry
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