ज़िन्दगी यूँ थमी नहीं होती

ज़िन्दगी यूँ थमी नहीं होती ग़ुम हमारी ख़ुशी नहीं होतीज़िन्दगी यूँ थमी नहीं होती अपनी मंज़िल अगर हमें मिलतीआँख में फिर नमी नहीं होती साथ देते अगर जहां वालेदूर वो भी खडी नहीं होती मेरे रब का करम हुआ ये तोहाथ मंहदी लगी नहीं होती। तुमको मालूम ही नहीं शायदज़िन्दगी सुख भरी नहीं होती जबसे … Continue reading ज़िन्दगी यूँ थमी नहीं होती