2 Line Ghazal in Hindi | देख चुका हूँ

देख चुका हूँ ( Dekh chuka hoon )   ख्वाबों से हकीकत का सफर देख चुका हूँ I अब वक़्त का बेवक़्त कहर देख चुका हूँ II सब आब की किस्मत में कहाँ होता समंदर I दम तोड़ती दरिया ,वो नहर देख चुका हूँII आब-ए-हयात दौर में विष का ये समंदर I अँधा वकील-ए-गूंग नगर … Continue reading 2 Line Ghazal in Hindi | देख चुका हूँ