प्यासा हूँ मैं | Pyasa hoon main ghazal
प्यासा हूँ मैं ( Pyasa hoon main ) उल्फ़त का ही प्यासा हूँ मैं वो बदला आवारा हूँ मैं यार रहूं ख़ुश कैसे मैं अब अंदर से ही टूटा हूँ मैं भेज ख़ुदा दोस्त यहां अब तो जीवन में रब तन्हा हूँ मैं लोगों ने बदनाम किया है यार शराब न … Continue reading प्यासा हूँ मैं | Pyasa hoon main ghazal
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