Ghazal | आ गुलिस्तां में मिलनें को आज तू फ़िर

आ गुलिस्तां में मिलनें को आज तू फ़िर ( Aa gulistan mein milne ko aaj too fir )   आ गुलिस्तां में मिलनें को आज तू फ़िर आ करे दोनों उल्फ़त की गुफ़्तगू फ़िर   प्यार की नजरें निहारुं आज तुझको आ बैठे इक दूसरे के रु -ब -रु फ़िर   ये निगाहों पे असर … Continue reading Ghazal | आ गुलिस्तां में मिलनें को आज तू फ़िर