आगों में | Aagon mein kavita

आगों में ( Aagon mein )   कभी  तानों  में  कभी  रागों  में । हम तो उलझे ये गुना भागों में ।। आँधियों से बुझे नहीं दीपक । तेल था ही नहीं चिरागों में ।। वक़्त में सील नहीं पाया कपड़ा । लड़ाई  छिड़  रही  थी  धागें में ।। तेज  जेहन  था  पर रहे पीछे … Continue reading आगों में | Aagon mein kavita