Hindi Kavita| Hindi Poem | Hindi Poetry आज के बच्चे

आज के बच्चे ( Aaj Ke Bache ) आज के बच्चे बड़े चालाक करने लगे मोबाइल लॉक खाने पीने में होशियार रोवे  जैसे रोए सियार मांगे बाप से रोज ए पैसा बोले बात पुरानिया जैसा पापा  के पेंट से टॉफी खोजें नहीं मिले तो फाड़े मोजे खाए आम अनार और केला देखे घूम -घूम कर … Continue reading Hindi Kavita| Hindi Poem | Hindi Poetry आज के बच्चे