कविताएँHindi Kavita| Hindi Poem | Hindi Poetry आज के बच्चे February 22, 20219770ShareWhatsAppReddItFacebookTwitterPinterestTelegramViber आज के बच्चेआज के बच्चे( Aaj Ke Bache )आज के बच्चे बड़े चालाककरने लगे मोबाइल लॉकखाने पीने में होशियाररोवे जैसे रोए सियारमांगे बाप से रोज ए पैसाबोले बात पुरानिया जैसापापा के पेंट से टॉफी खोजेंनहीं मिले तो फाड़े मोजेखाए आम अनार और केलादेखे घूम -घूम कर मेलाघर पर करते खूब लड़ाईसाथ में थोड़ी -बहुत पढ़ाईरोज न जाए ए स्कूलकरें बहाना नहीं है रूलभूख लगे तो मांगे खानाकाम कहो तो करे बहानाबात-बात पर ए रीसीयाएडांट पड़े तो खूब खिसियाएबड़ों की माने ना यह बातमम्मी को मारे गुस्से में लातजल्दी सुनते नहीं ए कामदिन भर करते काम बेकामघर पर खेले हरदम खेलआए परीक्षा हो जाए फेलएक दिन जाएं दो दिन गोलसमझे ना यह समय का मोलफिर भी “रूप” के प्यारे बच्चेमम्मी के राज दुलारे बच्चेकवि : रुपेश कुमार यादवलीलाधर पुर,औराई भदोही( उत्तर प्रदेश।)यह भी पढ़ें :Love kavita | Mohabbat |-मोहब्बत|RELATED ARTICLESMORE FROM AUTHOR कविताएँभारत के | सजल कविताएँकरगिल जंग | Kavita Kargil Jung कविताएँकारगिल शौर्य गाथा | Kargil Shaurya GathaLEAVE A REPLY Cancel replyPlease enter your comment! Please enter your name here You have entered an incorrect email address!Please enter your email address here Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment. Δ