Hindi Poetry On Life | Hindi Kavita -आज के हालात

आज के हालात ( Aaj Ke Halat )   ****** मिलावट का धंधा देखो यार कितना फल-फूल रहा है? अपराधी भी सहज ढ़ंग से अब समाज में घुल रहा है थर-थर थर थर कांपे पड़ोसी डर के मारे नहीं कोई कुछ बोल रहा है। मिलावट का धंधा देखो यार कितना फल-फूल रहा है? नेता अफसर … Continue reading Hindi Poetry On Life | Hindi Kavita -आज के हालात